10 आसान (लेकिन महत्वपूर्ण) टिप्स आपके कैशलेस ट्रांन्ज़ैक्शन्स को सिक्योर करने के लिए

Secure Online Cashless Transaction Information Hindi
          दुनिया कैशलेस अर्थव्यवस्था की दिशा में प्रगति कर रही है। विमुद्रीकरण कैंपेन का परिणाम यह हुआ कि लोग अब ऑनलाइन बैंकिंग, शॉपिंग, बिल पेमेंट, टिकट बुकिंग आदि के लिए तो कैशलेस ट्रैन्ज़ैक्शन्ज़ का इस्‍तेमाल कर ही रहे है, लेकिन अब चाय, भेल-पूरी और सब्जी वाले भी डिजिटल ट्रैन्ज़ैक्शन्ज़ को अपना रहे है।
      भारत में 10 सर्वश्रेष्ठ ट्रैन्ज़ैक्शन्ज़ ऑप्‍शन उपलब्ध हैं – 
  • चै
  • डिमांड ड्राफ्ट
  • नेट बैंकिंग / ऑनलाइन पेमेंट
  • डेबिट कार्ड / एटीएम कार्ड
  • क्रेडिट कार्ड / ट्रैवल कार्ड
  • उपहार कार्ड / प्रीपेड कार्ड
  • ई-वॉलेट
  • यूनिफाइड पेमेंट इंटरफ़ेस (UPI)
  • आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AEPS)
  • अनस्ट्रक्चर्ड सप्लीमेंट्री सर्विस डेटा (यूएसएसडी)
          यह पेमेंट ऑप्‍शन देश में अधिकृत पेमेंट सिस्‍टम है और भारतीय रिजर्व बैंक ने इसे सेफ, सिक्योर और एफ्फिसिएंट बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं।

चेक और डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से पेमेंट करना सबसे सुरक्षित हैं, लेकिन इसके लिए आपको अपने बैंक में जाने की जरूरत होतील है। ऑनलाइन ट्रांन्ज़ैक्शन्ज़ या नेट बैंकिंग का उपयोग ई-पेमेंट या डायरेक्‍ट अकाउंट ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है।
केंद्र सरकार अब डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए ऐसे कई कदम बढ़ा रही है जिसमें कैश का उपयोग कम से कम हो।
लेकिन जैसे जैसे दुनिया इस कैशलेस अर्थव्यवस्था की दिशा में प्रगति कर रही है, यहाँ साइबर क्रिमिनल्स को भी इन यूजर्स को टारगेट करने का अवसर मिल गया है। वे यूजर्स, ऑनलाइन शॉपर्स और बैंकर्स पर अटैक करने के लिए अब लेटेस्‍ट टेक्निक्स का इस्‍तेमाल कर रहे है।
साइबर क्रिमिनल्स अब नए नए मौके तलाश रहे है आपकी फाइनेंसियल डिटेल्स चोरी करने के लिए। हाल हि आए खबरों में आपने सुना होगा कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के 32 लाख एटीएम कार्ड को हैक कर लिया था।
यही कारण है कि यूजर्स के डेटा सिक्योरिटी पर सवाल उठाए जा रहे हैं। लेकिन ऑनलाइन ट्रैन्ज़ैक्शन में हमारी भी कुछ ज़िम्मेदारी बनती है सुरक्षा उपाय को ध्‍यान में रखने कि।

कैशलेस या ऑनलाइन ट्रांन्ज़ैक्शन पर हैकर्स कैसे अटैक करते है-

समझते हैं कुछ टेक्निक्स के बारें में जिन्‍हे हैकर्स कैशलेस ट्रांन्ज़ैक्शन्‍स को टार्गेट बनाने के लिए कर रहे है-
1) आजकल हर पब्लिक प्‍लेस पर आपको फ्री में वाईफाई कि सुविधा मिल जाती है। जब आप मॉल, रेल्‍वे स्‍टेशन, कैफे, एरपोर्ट या अन्‍य पब्लिक प्‍लेस पर वाईफाई ऑन करते है, तब आपको एक जैसे नाम से कई वाईफाई दिख सकते है। ऐसे समय इनमें से कुछ फेक और साइबर क्रिमिनल्स द्वारा यूजर्स को टार्गेट करने के लिए बनाए गए हो सकते है।
2) फेक ऑफर्स और डिस्काउन्ट के ईमेल हैकर्स एक साथ कई यूजर्स को भेजते है, जिनमें शॉपिंग के लिए एक लिंक होती है। यह लिंक फेक या इन्फेक्टेड वेबसाइट पर आपको ले जाती है। यहाँ पर फाइनेंसियल डिटेल्स देना आपको जोखिम में डाल सकता है।
3) बैंकिंग, ई-कॉमर्स या शॉपिंग की फ़िशिंग साइटस् बनाई जाती है, जो बिल्कुल ओरिजनल जैसे लगती है। ऐसी वेबसाइट पर आपके द्वारा एंटर किए गए लॉगइन डिटेल्‍स और अन्‍य जानकारी सीधे हैकर्स तक पहुँच जाती है।
4) हैकर्स विभिन्न प्रकार के ऐप्‍स बना लेते है, जो ओरिजन ऐप के समान हो सकते है। ऐसे ऐप का उपयोग कर हैकर्स आपके लॉगिन आईडी/पासवर्ड और अन्‍य बैंकिंग इनफॉर्मेशन चोरी करने की कोशिश करते है।
5) वॉट्सऐप पर भी आजकल कई तरह से फेक मैसेज भेजे जा रहे है, जिनमें फेक लिंक होती है।

कैशलेस लेन-देन को कैसे सुरक्षित करें?

1) कभी भी आपको प्राप्‍त होने वाले ईमेल या टैक्‍स्‍ट मैसेज में शामिल बैंकिंग या शॉपिंग वेबसाइट लिंक पर क्लिक न करें। ऐसे लिंक्‍स पर क्लिक करने के बजाए, अपने बैंक का यूआरएल मैन्युअल टाइप करें।
2) ऑनलाइन बैंकिंग कि साइट ओपन करने के बाद उसके एड्रेस के पहले https लगा है इसकी पुष्टि हमेशा करें।
3) बैंकिंग, पेटिएम और भीम जैसे ऑनलाइन पेमेंट ऐप्‍स को हमेशा गूगल प्‍ले स्‍टोर से ही डाउनलोड करें। लेकिन डाउनलोड करने से पहले उनके पब्लिशर की पुष्टि करें, क्‍योकि प्‍ले स्‍टोर भी कई फेक ऐप्‍स है।
4) अपने बैंकिंग या ऑनलाइन पेमेंट के लिए हमेशा स्ट्रॉंग पासवर्ड रखे। यदि आप सिक्योर पासवर्ड कैसे बनाया जाता है और इसे आप वास्तव में याद कैसे रख सकेंगे यह सीखना चाहते है, तो इस लिंक पर क्लिक करें।
5) अपने ऑनलाइन बैंकिंग या डेबिट कार्ड का पिन नंबर समय समय पे बदले।
अपने ऑनलाइन ट्रांन्ज़ैक्शन को अधिक सिक्योर बनाने के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्‍तेमाल करें। इसमें ऑनलाइन पेमेंट करने से पहले आपके रजिस्टर्ड मोबाइन नंबर पर एक OTP आता है, जिसे एंटर करने के बाद ही फाइनल पेमेंट होता है।
6) ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए साइबर कैफ़े के कंप्‍यूटर का इस्‍तेमाल न करें। इनके कंप्‍यूटर पर कीलॉगर हो सकते है, जो आपके द्वारा टाइप किए गए पासवर्ड को कैप्चर कर सकता है।
7) असुरक्षित वाई-फाई नेटवर्क का प्रयोग ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए न करें। ऐसा करने से एक हैकर्स आपकी इनफॉर्मेशन चोरी कर सकता है।
8) अपने पीसी पर सबसे अच्‍छे एंटीवाइरस को इंस्‍टॉल करें।
9) कई बार पीसी कि सिक्‍योरिटी के लिए सिर्फ एक एंटीवाइरस इंस्‍टॉल करना पर्याप्त नहीं होता। इसके साथ में आपको एंटी-स्पाइवेयर और मैलवेयर सॉफ्टवेयर भी इंस्‍टॉल करने चाहिए।
10) अगर आप एंड्रॉइड मोबाइल से ऑनलाइन पेमेंट करते है, तब आपको अपने मोबाइल में भी एंटीवाइरस इंस्‍टॉल करना चाहिए।

आपकी कुछ आदतों को बदलना बेहद जरूरी है –
1) सोशल नेटवर्किंग आजकल क्रेज़ हो गई है, और सभी अपनी प्रोफाइल और स्‍टेटस को अपडेट करने के चक्‍कर में कई सारी पर्सनल डिटेल्‍स एड कर देते है, जिससे वे मुसिबत में आ सकते है, जैसे अपनी पूरी बर्थ डेट।
2) हर दिन आपको कई ई-मेल आते है, जिनमें से अधिकांश स्‍पैम मेल होते है। लेकिन कुछ मेल ऐसे भी होते है, जो स्‍पैम नहीं लगते लेकिन उनमें संदेहजनक लिंक होती है। अब जरूरी नहीं कि आप ई-मेल में आए सभी लिंक कर के देखे। ई-मेल में आई किसी भी लिंक को क्लिक करने से पहले उसकी जांच कर ले।
3) अपनी पर्सनल डिटेल्‍स कभी भी अपने स्‍मार्टफोन में सेव कर के रखे। खासकर क्रेडिट कार्ट और बैंकिग कि जानकारी। यदि आपको मोबाइल चोरी हो गया तो यह जानकारी चोरों के हाथ में आसानी से आ जाएगी।
4) जब भी हम हॉटल में खाना खाने के बाद कार्ड से पेमेंट करने के लिए वेटर के पास अपना डेबिट कार्ड और पिन नंबर दे देते है। भले ही आपके अकाउंट में बैलेंस कम हो, लेकिन आपकी सेफ्टी के लिए यह खतरा हो सकता है।
5) डेबिट कार्ड से पेमेंट करते समय कार्ड का पिन नंबर अपने हाथ से एंटर करें।
 यदि आप नियमित रूप से अपने स्मार्टफोन या लैपटॉप पर पब्लिक वाईफ़ाई का उपयोग कर रहे है, तो आपका पर्सनल डेटा खतरे में है।
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